ब्लाग कचहरी मेरी वैयक्तिक ब्लाग पठनमाला है। मैं ने इसे इसलिए बनाया कि मेरी चाहत के ब्लागों को मैं पढ़ सकूँ। बहुत से मित्र हैं जो मुझे अपनी ब्लाग-पोस्ट का लिंक मेल से भेजते हैं। उन से निवेदन है कि वे एक बार यहाँ अपनी टिप्पणी में अपने ब्लाग को ब्लाग कचहरी में शामिल करने के लिए लिंक भेज दें। उन्हें बार-बार मुझे लिंक भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
देखो ये (क़ुरआन) तो सरासर नसीहत है
-
देखो ये (क़ुरआन) तो सरासर नसीहत है (11)
तो जो चाहे इसे याद रखे (12)
(लौहे महफूज़ के) बहुत मोअज़जि़ज औराक़ में (लिखा हुआ) है (13)
बुलन्द मरतबा और पाक हैं ...
Offoh Dadoo Haiku Samvad 3
-
*ओफ्फोह दादू - दिल छू लेने वाली कविता जो याद दिलाती है बचपन के दिन*
क्या आप भी अपने दादा की यादों में खो जाते हैं? साधना वैद की यह कविता
दादा-पोते के रिश...
सियार
-
<<< सियार >>> जीटी रोड के किनारे के इस गांव में बसे एक दशक होने को आया और
मैं गांव की पहचान के तत्वों को ढहते देखता रहा हूं। जो तत्व अभी भी कायम हैं,
उनमें...
सियार
-
<<< सियार >>> जीटी रोड के किनारे के इस गांव में बसे एक दशक होने को आया और
मैं गांव की पहचान के तत्वों को ढहते देखता रहा हूं। जो तत्व अभी भी कायम हैं,
उनमें...
हम वो आखिरी पीढ़ी हैं
-
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने
देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है और ना ही हमारे बाद किसी
पीढ़ी के ...
कठोर सत्य या संवेदनशीलता
-
इतिहास के हर दौर में दार्शनिकों ने कठोर सत्य और संवेदनशीलता के बीच संतुलन
की खोज पर विचार किया है। क्या हमें अरस्तू के अनुसार अपने कार्यों में ऐसा
"मध्य ...
नदी के द्वीप
-
अज्ञेय की ‘नदी के द्वीप‘ चालीसेक साल पहले पढ़ चुका हूं, यह याद आया जहां
तथ्य-सत्य या आंख मूंद कर दाढ़ी बनाने वाले जैसे प्रसंग आए। तब भी यह
त्याग-बलिदान वाली...
दिवाली भी शुभ है और दीवाली भी शुभ हो
-
चक्कर छोटी 'इ', बड़ी 'ई' का
क्षेत्रीय प्रभाव
[image: ▪]हर साल की तरह इस बार भी मित्रों ने दीवाली/दिवाली की वर्तनी के
बारे में राय जाननी चाही। किसी से चैट प...
एक उद्योगपति की मौत
-
एक खेत मजदूर अक्सर खेत मजदूर के घर या छोटे किसान के घर पैदा होता है, मजदूरी
करना उसकी नियति है, वह वहीं काम करते हुए अभावों में जीवन जीता है। उसकी
आकांक्षा...
तनुजा
-
कोमल तन चंचल चितवन
मुख पर तेरे प्यार की आभा है
पाना चाहूं सानिध्य तेरा
जग देखने की अभिलाषा है
मन में जीवन की एक ललक
अस्तित्व तेरी पहचान हूं मैं
...
मगर बेचना मत खुद्दारी
-
यूँ तो सबको है दुश्वारी एक तरफ
मगर बेचना मत खुद्दारी एक तरफ
जाति - धरम में बाँट रहे जो लोगों को
वो करते सचमुच गद्दारी एक तरफ
अक्सर लोग चुने हैं अपने जो...
मै
-
अगर आपको भारत वर्ष की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर थोड़ी सी भी
आस्था है तो आप किसी भी बीमारी के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए मुझसे बात कर
सकते हैं.
...
भीड़ में भी तन्हा हैं राहुल गांधी
-
जन्मदिन 19 जून पर विशेष
*भीड़ में भी तन्हा हैं राहुल गांधी*
-फ़िरदौस ख़ान
राहुल गांधी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वे देश और राज्यों में सबसे लम्बे
अरसे त...
गज़ल
-
कागजों से भी क्या दोस्ती हो गयी
शायरी ही मेरी ज़िंदगी हो गयी
जब खुदा ने करम ज़िन्दगी पर्किया
बंदगी से गमी भी खुशी हो गयी
दिल की बंजर जमीं पर उगा इक खिया...
जो मेरे अन्दर से गुजरता है
-
जाने कौन है वो
जो मेरे अन्दर से गुजरता है
थरथरायी नब्ज़ सा खामोश रहता है
मैं उसे पकड़ नहीं सकती
छू नहीं सकती
एक आखेटक सा
शिकार मेरा करता है
जाने क...
ओ साथी मेरे
-
मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले
सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ...
वादा किया था उससे -कहा मानूंगी
राह तक रही हूँ ,अब तक खड़ी वहीं...
वो अब हमेशा के लिए म...
रेडियो भूली बिसरी स्मृतियां
-
ये आकाशवाणी है..........।
रेडियो पर ये उद्घोषणा सुनते ही एक अजब अनुभूति का आभास होता है। जैसे आकाश
से वाणी सुनाई दे रही हो। आकाशवाणी से ये शब्द सुनत...
पितृ पक्ष
-
हेलोवीन महापर्व जो कि पश्चिम वाले कब्र में पड़े कयामत के दिन फैसले के बाद
मुक्ति पाने की आस में व्याकुल विचलित अशरीरी आसपास उत्पात मचाते पूर्वजों को
कम्पनी ...
हम बेल पर लगी ककड़ियाँ
-
एक उम्र ऐसी आती है कि हर महीने दो महीने में (पति के व्हट्स एप ग्रुप में )
समाचार आता है कि यह या वह चला गया. कोई सोए में तो कोई दो चार दिन की बीमारी
...
मीडिया
-
लघुकथा
from google
*तब मैं काफ़ी छोटा रहा होऊंगा. मनोरंजन के साधनों में रेडियो प्रमुख था.*
*मैं रेडियो से आती तरह-तरह की आवाजें सुनकर हैरत में पड़ जाता ...
-
अखिल भारतीय हिंदी नाट्य- लेखन प्रतियोगिता
प्रथम पुरस्कार 3000/- रूपये, द्वितीय पुरस्कार 2000/- रूपये तृतीय पुरस्कार
1000/- रूपये
साथ ही दस सर्वोत्तम ...
सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह
-
*सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह*
* सावनी*
काली घटाएँ करती शोर
वन में नाचें पपीहा मोर
मन-मोहक ऋतु आई ऐसी
छाइ हरीतिमा चारों और
अंबर में विधुत्त चमचम...
MENTAL GARBEJ
-
One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
सज्जन-मन
-
सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
हिटलर और समग्र राज्य की अवधारणा
-
मोदी सरकार तेज़ गति से ‘समग्र राज्य’ ‘टोटल स्टेट’ के निर्माण
में लगी है।उसे बहुलतावादी लिबरल राज्य -राष्ट्र नहीं चाहिए। उनको सिर्फ़ भारत
च...
Resep Tempe Bacem Praktis - Resep Masakan 4
-
Resep Tempe Bacem Praktis dan Enak. Tempe di bacem adalah resep yang sering
kita jumpai, tahukah anda bagaiman cara membuat makanan ini?. Ternyata eh
terny...
Watch: मिलिए इमरान के नन्हे जबरा फैन से...
-
*पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रैली में 350 किलोमीटर दूर
से पहुंचा अबु बकर; पूर्व पीएम से नहीं मिल पाया तो रो-रो कर हुआ बेहाल,
वीडियो व...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
-
अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
अब फोटो खींचकर पैसे कमाइए...
-
आप अच्छे फोटोग्राफर हो और जबरदस्त फोटो खींचते हो... आप उन फोटो का क्या करते
हो??... यदि आप प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं, तब तो आप फोटो से पैसे कमाने के
बहुत ...
सरल करें!
-
बचपन में किसी बात पर किसी को कहते सुना था – “अभी ये तुम्हारी समझ में नहीं
आएगा। ये बात तब समझोगे जब एक बार खुद पीठिका पर बैठ जाओगे।” यादों का ऐसा है
कि क...
सन्यास यानि अमरत्व का स्वाद
-
इस मरने वाले शरीर के लिए संस्कृत में शब्द है 'देह'। इसे देह इसलिए कहा जाता
है क्योंकि आखिरकार आखिरी सफर में इसे दाह संस्कार द्वारा अग्नि को सौंपा
समर्...
फिल्म The Wife और महिला लेखन पर बंदिश की कोशिशें
-
यह संयोग है कि मैंने कल फ़िल्म " The Wife " देखी और उसके बाद ही स्त्री दर्पण
पर कार्यक्रम की रेकॉर्डिंग सुनी ,जिसमें सुधा अरोड़ा, मधु कांकरिया और रोहिणी
अग्र...
माफी का अंहकार
-
मेरे एक दोस्त का फोन आया। बोले जो भी गलती आज तक की हो। उसे माफ कर दो। मैंने
पूछा कौन सी गलती। बोले कोई भी। हमने फिर पूछा। कौन सी माफी। कौन सी गलती।
बोले ...
Proofreading Tools
-
In the hurry to comply with time constraints and produce pamphlets, social
duplicate, articles, and online journals for your numerous customers, it
isn'...
दशमूलक्वाथ : समस्याएँ अनेक उपाय सिर्फ एक.
-
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम औषधि के रुप में प्रचलित दस विभिन्न
जडी-बूटियों के मेल से निर्मित दशमूलक्वाथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का
विकास करने क...
A better Blogger experience on the web
-
Since 1999, millions of people have expressed themselves on Blogger. From
detailed posts about almost every apple variety you could ever imagine to a
blog...
हमारा घर बारह साल का हो गया
-
आज हमारे घर की बारहवीं सालगिरह है देखते देखते इतना वक़्त बीत गया । एक
इमारत बनने से लेकर यहां इस घर में रमने जमने में । ऐसा लगता है जैसे यह कल ...
तीन तलाक गैर कानूनी हैं।
-
तीन तलाक गैर कानूनी हैं। संसद के दोनों में बी जे पी सरकार ने इसको
पास करवा लिया हैं। तारीफ़ हैं उन मुस्लिम महिला की जिन्होंने अपने हक़ की
लड़ाई को ल...
गिरगिट के रंगो से भरा नीरस चुनाव
-
इस बार के चुनाव बड़े नीरस से लग रहे हैं, जैसे २०१४ में चाय पर चर्चा हो या
फिर, मोदी जी का virtually पूरे देश में बड़ी बड़ी स्क्र्रीन के जरिये देश को
स...
काठ में कोंपल
-
*6 अप्रैल, 2019 को दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में 'कथा-कहानी' के
आयोजन में मैंने अपनी कहानी 'काठ में कोंपल' का पाठ किया. यहाँ आप सभी मित्रों
के लिए य...
स्वतंत्रता और आवश्यकता - २
-
हे मानवश्रेष्ठों,
यहां पर ऐतिहासिक भौतिकवाद पर कुछ सामग्री एक शृंखला के रूप में प्रस्तुत की
जा रही है। पिछली बार हमने यहां ‘मनुष्य और समाज’ के अंतर्गत स्व...
लो भाईयों नवरात्रि स्पेशल,व्रत वाली दारू
-
#खाली_पीली।उन दोस्तो/ को समर्पित,जो नवरात्रि का एक एक पल माँ दुर्गा का
स्मरण करके नही बल्कि उसके कट जाने की कोशिश में जद्दोजहद कर रहा है।उन दोस्तो
के लिए भ...
जानिए क्या होता है बस्तर का लांदा और सल्फ़ी
-
जब भी बस्तर जाना होता है तब बस्तरिया खाना, पेय पदार्थ का स्वाद लेने का मन
हो ही जाता है, चाहे, लांदा हो, सल्फ़ी हो या छिंदरस। बस्तर की संस्कृति पहचान
ही अलग...
ट्रंप और मोदी के लिए क्यों अहम है सोशल मीडिया
-
*-दिलीप ख़ान *
[ये लेख हंस के सोशल मीडिया विशेषांक के लिए नवंबर 2017 में लिखा गया था। यहां
हम उसी लेख को हूबहू प्रकाशित कर रहे हैं। लिहाजा ‘इस साल’ का मतलब...
ठंड़े रेगिस्तान की गुनगुनी तस्वीरें
-
ठंड़े रेगिस्तान की गुनगुनी तस्वीरें जून के शुरुआती दिनों में लेह-लद्दाख,
जिसे ठंड़ा रेगिस्तान भी कहा जाता है, की सैर पर थे. पर्यटन के लिए लोकप्रिय
इलाका है, ...
मानवता के लिए देहदान या अंगदान करें
-
*दोस्तों, मैंने पिछले दस साल से मेरा पेंडिग यह काम ( देह दान करने का ) भी
आखिर कल दिनांक 2 जून 2018 को निपटा ही दिया. इस विषय पर मेरा विचार काफी समय
से बन...
मोल-भाव/ दीपक मशाल
-
लघुकथा
उन्होंने कहा-
'न न... निश्चिन्त रहिए हमें कुछ नहीं चाहिए। बस लड़की सुन्दर हो, जरा तीखे
नैन-नक्श और रंग गोरा हो। हाँ, खाना अच्छा पकाती हो। बाकी कढ़ाई-...
गीत चतुर्वेदी के नए संग्रह से कुछ कविताएँ
-
इस साल पुस्तक मेले में एक बहु प्रतीक्षित कविता संग्रह भी आया. गीत चतुर्वेदी
का संग्रह 'न्यूनतम मैं'. गीत समकालीन कविता के ऐसे कवियों में हैं जिनकी हर
का...
Demonetization and Mobile Banking
-
*स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...*
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें
कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...
दियों की दिवाली - २०१६ Diyon ki Diwali 2016
-
जो दिये के
तल अँधेरा
रह गया था उस दिवाली
इस दिवाली
उस तमस् को भी नया दिनमान देना
कुछ अँधेरे झोपड़ों पर
याद रखना इक नजऱ
देखना अबकी चमकती
हर हवेली के परे...
कहानी संग्रह अधूरे अफसाने-लावण्या दीपक शाह
-
अभी अभी लावण्या शाह (लावण्या दीपक शाह ) के कहानी संग्रह अधूरे अफसाने को
पूरा किया है। चार बाल कहानियों को समेटे कुल ग्यारह कहानियों के इस गुलदस्ते
को लावण...
वाट्सएपिया रोमांस
-
वो लड़का इस ग्रुप में बहुत पहले से था ! लड़की ने महीने भर पहले ही ज्वाइन
किया ! लड़का और लड़की अलग अलग प्रदेश के ! दोनों ने न कभी एक दूसरे का शहर देखा
और न कभ...
आज खुला आसमान टीवी स्क्रीन बन गया है
-
आज बहुत दिन बाद खुले आसमान के नीचे सोया हूँ। बारिश के मौसम में खुले आसमान
के नीचे सोना वैसा नहीं होता जैसा गर्मियों की सुहानी शाम में। आसमान स्याह
होता ह...
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
-
वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
-
मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
रेलवे के सभी नौ सर्विस काडर होंगे समाप्त
-
रेलवे यूनियनों के विरोध के बावजूद रेलवे बोर्ड का पुनगर्ठन तय माना जा रहा
है। बड़े बदलाव के तहत रेलवे बोर्ड और रेलवे के नौ सर्विस काडर समाप्त किए जा
सकते ह...
भगत सिंह, नास्तिकता और साम्यवाद.
-
व्यक्तित्व मूल्यांकन करने के कौन से औजार होने चाहिए , आने वाला समय इतिहास
को किस दृष्टी से देखता है , व्यक्ति विशेष की सक्रियतों के मूल्यांकन के लिए
कौन...
मैने खुद को खोज लिया..तो हंगामा हो गया
-
*-आशीष देवराड़ी*
क्वीन एक बेहतरीन फिल्म है जिसकी तस्दीक मल्टीप्लेक्सों की खाली पड़ी सीटे
करती हैं। यह विडंबना ही है कि कहानी के मामलों में रिक्त फिल्में ज...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
-
और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
ब्लॉग लेखकों के लिए आवश्यक सूचना
-
गूगल के द्वारा अपनी रीडर सेवा बंद करने के कारण हमारीवाणी की सभी कोडिंग
दुबारा की गई है। हमारीवाणी "क्लिक कोड" से अधिकतर पोस्ट अपडेट होने लगी हैं,
मगर कोडि...
"विवाह" नामक संस्था का स्वरूप खराब हो रहा है
-
*दूषित मानसिकता वाली अपनी पत्नी को समर्पित चंद शब्द *
*"मत खुश हो कि बर्बादी वाली हवा का रुख हमारी ओर है! भूल मत जाना यह आवारा
हवा कब किस ओर मुड जाये!...
छोटी बहन द्वारा शिक्षा
-
*कल मेरा अपने भतीजे (अपने चाचा स्व. गोपी राम जैन जी के पोते प्रवीन जैन
सपुत्र श्री सुभाष चन्द्र जैन) की शादी में जाना हुआ. कल मेरा काफी सालों बाद
किसी श...
ईश्वर गुरप्रीत की आत्मा को शांति प्रदान करे
-
*सरदार बी.एस.पाबला के पुत्र गुरप्रीत सिंह का एक पुराना चित्र *
* मैंने विगत दिन शनिवार को फेसबुक के मित्र संजीव तिवारी
(https://www.facebook.com/tiwari...
एक चमत्कार-हमसे एक कत्ल हो गया
-
परसों (शनिवार की रात) एक चमत्कार हो गया. शाम सात बजे से रात एक बजे तक शीश
राम पार्क नामक हमारी कालोनी की बिजली कट गई. कारणों का कोई पता नहीं. मगर रात
ग्य...
मित्रों के नाम के एक संदेश
-
अगर आप मेरे फेसबुक के खाते से नहीं जुड़ें हुए है. तब आप जुड़ें.
https://www.facebook.com/ramesh.k.jain
https://www.facebook.com/sirfiraa
तीर्थंकर महावीर स...
अदम जी मुझे लौकी नाथ कहते थे
-
जयपुर में अदम जी मंच संचालन कर रहे थे। मुझे कविता पढ़ने बुलाने के पहले एक
किस्सा सुनाया। किसी नगर में एक बड़े ज्ञानी महात्मा थे। उनका एक शिष्य था नाम
था...
इसे जरुर पढ़िए
-
मित्रो प्रणाम,
आज बहुत दिनों बाद ब्लॉग की दुनिया में वापसी कर रहा हूँ,, आप सब से एक सलाह
चाहता हूँ की अपनी भाई बहन की कहानी आगे लिखूं या कोई और कहानी प्लीज ...
शरत के उपन्यास चरित्रहीन की नायिकाए
-
शरत बाबू के वर्मा के घर मे लगी आग मे उनकी कई पुस्तको की पान्डुलिपी जलकर राख हो
गयी थी. उनमे से एक थी चरित्रहीन जिसके ५०० पृष्ठों के जलने का उन्हे बहुत
...
चेहरे बदल के मिलता है
-
*'ग़ज़ल'*
*चेहरे बदल के मिलता है *
*रहता है चुप्पियाँ साधे बेहद संभल के मिलता है*
*ये वक्त आजकल हम से चेहरे बदल के मिलता है*
*उस को फिजूल लोगों से फुरस...
संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
-
पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत
उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर
सकत...
जितिया (पुत्र-रक्षा व्रत)
-
मैंने देखा है तुम्हें
रखते हुए व्रत
जितिया का
बार-बार,लगातार
वर्ष-दर-वर्ष.
जानता हूँ
परंपरा से ही यह
आया है तुझमें.
कहते हैं
रखने से यह व्रत
दीर्घायु होते ...
फिराक साहब
-
छ्लक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं
निगाहे-नरगिसे-राना, तेरा जवाब नहीं
ज़मीन जाग रही है कि इन्क़लाब है कल
वो रात है कि कोई ज़र्रा भी महवे-ख़्वाब नहीं
ज़मीन उ...
ताऊ पहेली - 101 का हिंट
-
हाय..दिस इज रामप्यारी. नीचे के चित्र देखिये और जवाब दिजिये ताऊ डाट इन पर
जाकर.
तो अब फ़टाफ़ट जवाब दे डालिये.
कृपया नोट करें :हिंट के चित्र मे उस ...
-
My humble tribute to one of the greatest pop artist ever,Michael
jackson..may his soul rest in peace...... i never got opportunity to meet
him...ill always...
भविष्य अमेरिका का है यह झूठा दावा है
-
एरिक हाब्सवाम का एक साक्षात्कार पिछले पांच दशकों से लंदन से निकल रही
मार्क्सवादी विमर्श की बहुचर्चित पत्रिका ‘न्यू लेफ्ट रिव्यू’ के ज...
Aaj Wohi Geeton Ki Rani
-
*To Download the Ghazal below: Right click on the Download link and select
"save target as" to download.*
Download Aaj Wohi Geeton Ki Rani
-
नया वर्ष हमारे सभी साथियों के लिए मंगलमय हो ! नए वर्ष में न्यायपूर्ण
उद्देश्यों की जीत हो!! पूंजी की दासता और गुलामी का एक और वर्ष बीत गया !
आइये, नए वर्ष ...
उत्तर आधुनिक बनने चले हम क्या आधुनिक हो सके हैं
-
हम बात करते हैं उत्तर आधुनिकता की लेकिन क्या हम पूरी तरह आधुनिक भी हो सके
हैं? हम सदियों पुराने कर्मकांड , रूढ़ियों और शोषण की परम्परा का सगर्व
निर्वहन करत...
सरिता के स्वरों के बीच डूबकी
-
'वीणा' कैसेट का राजस्थानी लोक संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम है। गत
वर्षों में श्री के.सी.मालू के निर्देशन में वीणा ने अनेक कैसेट बाज़ार में
उतारे और...
अलविदा!! अहमद फ़राज़
-
*हिन्दुस्तानी का शायर अहमद फ़राज़* :
*किस-किस को बताएँगे जुदाई के सबब हम*
उर्दू ज़बान हिन्दुस्तानी उपमहाद्वीप की साझा-संस्कृति और परम्परा की उपज है.यह
...